नज़ीर अकबराबादी
नज़ीर अकबराबादी (1740–1830) 18वीं शती के भारतीय शायर थे जिन्हें "नज़्म का पिता" कहा जाता है।इन्होंने कई ग़ज़लें लिखी, इनकी सबसे प्रसिद्ध व्यंग्यात्मक ग़ज़ल ' बंजारानामा ' है।
नज़ीर आम लोगों के कवि थे। इन्होंने आम जीवन, ऋतुओं, त्योहारों, फलों, सब्जियों आदि विषयों पर लिखा।यह धर्म-निरपेक्षता के ज्वलंत उदाहरण हैं। कहा जाता है कि इन्होंने लगभग दो लाख रचनायें लिखीं। परन्तु इनकी छह हज़ार के करीब रचनायें मिलती हैं और इन में से 600 के करीब ग़ज़लें हैं। आप ने अपनी तमाम उम्र आगरा में बिताई जो उस वक़्त अकबराबाद के नाम से जाना जाता था।
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