बीरबल अपना ज्यादातर समय शहंशाह अकबर के शाही बागों में बिताया करते थे| अकबर के शाही बाग़ में कई प्रकार के सुन्दर वृक्ष और सुन्दर दिखने वाले फूल थे| उस बाग़ की देखभाल के लिए मीर नाम का एक माली रखा हुआ था|
बीरबल अक्सर मीर के पास बैठकर पेड़ों और पौधों के बारे में बातें किया करते थे| इस तरह मीर और बीरबल के बीच अच्छी दोस्ती हो गयी थी|
एक सुबह जब बीरबल बाग़ में टहलने गए तो देखा मीर बुरी तरह रो रहा था| बीरबल ने उसके रोने का कारण पूछा तो मीर ने बताया कि उसने अपने जीवनभर की कमाई एक घड़े में भरकर एक कटहल के पेड़ के नीचे दबा दिया था|
लेकिन आज सुबह जब धन निकालने के लिए गड्ढा खोदा तो देखा वहां वो घड़ा है ही नहीं| इस वजह से मीर बुरी तरह परेशान होकर रो रहा था| बीरबल ने उसे ढांढस बंधाते हुए कहा कि मित्र चिंता ना करो तुम्हारा धन वापस मिल जायेगा|
अब बीरबल सोच में पड़ गए कि कौन हो सकता है जो कटहल के पेड़ को खोद सकता है क्यूंकि यदि कोई व्यक्ति यहाँ आता भी है तो फल तोड़कर ही ले जा सकता है पर भला कोई जड़ क्यों खोदेगा ?
बीरबल ने अपना दिमाग लगाया और उन्हें एक विचार आया कि कटहल की जड़ तो केवल दवाई बनाने के काम आती है कहीं ऐसा तो नहीं कोई वैध यहाँ आया हो और उसने धन चोरी किया हो|
अगले दिन बीरबल ने दरबार में आकर अकबर को सारी बात बताई| अकबर ने पूरे दरबार में बैठे लोगों से पूछा कि अभी हाल ही में कौन कौन बीमार था जिसे दवाई की जरुरत पड़ी हो|
एक दरबारी ने उठकर कहा कि महाराज मेरे पेट में काफी दिनों से कब्ज थी मैं वैध प्रसाद के पास गया और उसने मुझे 2 दिन की दवाई दी जिससे मैं पूरी तरह ठीक हो गया|
बीरबल ने तुरंत आदेश दिया कि बैध प्रसाद को बुलाया जाए|
अकबर बोले कि बीरबल माली के पैसे चोरी होने का वैध से क्या सम्बन्ध है ? हमारी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है लेकिन तुम कहते हो तो आगे की कार्यवाई जारी रहेगी| वैध प्रसाद को बुलाया जाए |
वैध प्रसाद आया तो बीरबल ने उनसे पूछा कि वैध जी मेरे पेट में कब्ज है मुझे कोई दवाई बताइये| वैध बोला आप चिंता ना कीजिये मैं ऐसी दवाई दूंगा कि 2 दिन में आपकी ये समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी|
बीरबल ने पूछा कि लेकिन आप ये दवाई बनाते कैसे हैं ? वैध ने बताया कि सरकार यह दवाई मैं कटहल की जड़ों का अर्क बनाकर बनाता हूँ|
अब बीरबल ने कहा कि दूर दूर तक कहीं कटहल का पेड़ तो है नहीं फिर आप कहाँ से कटहल की जड़ लाये ?
वैध बोला – सरकार, शाही बागों में कटहल का पेड़ है मैंने वहीँ से जड़ें ली थीं| बीरबल बोले तो वैध जी आपको एक मौका दिया जाता है – सच सच बताइये कि माली मीर के पैसे आपने ही लिए हैं ना ?
वैध बुरी तरह डर गया और बोला – माफ़ करें हुजूर मुझे लगा कोई धन दबाकर भूल गया है इसलिए मैंने वो घड़ा ले लिया था मैंने मीर के पैसे वापस कर दूंगा|
बीरबल ने आदेश दिया कि मीर को बुलाया जाये|
मीर आया तो बीरबल ने उसे बताया कि तुम्हारा धन मिल गया है, इसपर मीर बहुत खुश हुआ|
अब बीरबल ने कहा – सुनो मीर तुम्हारा घड़े में कितना धन था, मीर ने कहा – जनाब, 75 सोने के सिक्के थे मेरी जीवनभर की कमाई
बीरबल बोले – ठीक है लेकिन तुम्हें 10 सिक्के कम मिलेंगे ये तुम्हारी मूर्खता की सजा है क्यूंकि धन ऐसी जगह छिपाना मूर्खता ही है
और ये 10 सिक्के वैध को दिए जाएँ जिसने ईमानदारी का परिचय देते हुए धन लौटा दिया|
बादशाह अकबर मंद मंद मुस्कुराते हुए बीरबल को उसकी बुद्धिमानी के लिए शाबाशी दे रहे थे|